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MGNREGA योजना भारत सरकार द्वारा वर्ष 2005 में ही शुरू कर दी गई थी. इस योजना के अंदर भारत सरकार 100 दिन का गारंटी रोजगार प्रदान करने का वादा करती है. परंतु कुछ समय से हो रही गड़बड़ियों के कारण भारत सरकार ने MGNREGA को ABPS से Connect करने का ऑर्डर दिया था। जिसके, खिलाफ अब कई सारे NGO और बड़ी हस्तियां खड़ी हो चुकी हैं। जिन्होंने MGNREGA योजना को टेक्नोलॉजी से जोड़ना सही नहीं बताया है I
ABPS System कैसे काम करता हैं
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ABPS सिस्टम का मतलब होता है आपका मनरेगा का खाता, आपके आधार बैंक खाते से लिंक हो जाएगा, जिसका ओटीपी सिर्फ आपके मोबाइल फोन पर ही मिलेगा, इस योजना को लाने का भारत सरकार का मुख्य उदेश्य है कि नकली अटेंडेंस लगाने वाले लोग या जिन लोगों की पहचान उपयोग गांव प्रधान से अच्छी है उन लोगों की गड़बड़ियों को रोका जा सके और जो व्यक्ति असल में उन पैसों का पात्र है उसका वह पैसा सुरक्षित रूप से उस व्यक्ति को दिया जा सके।
ABPS ka Virodh
कई सारे बड़े एनजीओ और कई सारे बड़े चेहरों ने टेक्नोलॉजी को MGNREGA के साथ जोड़ना सही नहीं बताया है । इसका मुख्य कारण यही बताया जा रहा है कि गांव में रह रहे लोगों को टेक्नोलॉजी का उतना ज्ञान नहीं होता है जिस से उन लोगों का मनरेगा कार्ड अपने आप ही डिलीट हो जाता है और ,उन लोगों को किसी प्रकार का कोई भी रोजगार नहीं मिल पता जिस से उस परिवार को गरीबी में ही जीना पड़ता है।
MGNREGA योजना के अंदर मिलेंगे ये नये काम
व्यक्तिगत लाभार्थी-उन्मुख कार्य: विशिष्ट समूह जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, छोटे या सीमांत किसान, भूमि सुधार के लाभार्थी और इंदिरा आवास योजना जैसी योजनाओं के तहत आने वाले लोग अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप कार्य कर सकते हैं। इन कार्यों में अक्सर सड़कों, जल संरक्षण संरचनाओं और सामुदायिक सुविधाओं के निर्माण जैसी गतिविधियाँ शामिल होती हैं, जिससे व्यक्ति और समुदाय दोनों को लाभ होता है।
जल संरक्षण और संचयन संरचनाएँ: मनरेगा ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता और स्थिरता में सुधार के लिए विभिन्न जल संरक्षण और संचयन संरचनाओं के निर्माण का समर्थन करता है। इन संरचनाओं में मिट्टी के बांध, स्टॉप डैम, चेक डैम, भूमिगत बांध और अन्य जलसंभर प्रबंधन कार्य शामिल हैं।
वाटरशेड प्रबंधन कार्य: जल संरक्षण संरचनाओं के अलावा, मनरेगा वाटरशेड प्रबंधन प्रथाओं जैसे समोच्च खाइयों या बांधों, छत, बोल्डर चेक, गेबियन संरचनाओं, स्प्रिंग शेड विकास और मिट्टी और जल संरक्षण को बढ़ाने के उद्देश्य से अन्य उपायों को बढ़ावा देता है।
सूक्ष्म और लघु सिंचाई कार्य: इस योजना में कृषि उत्पादकता और जल प्रबंधन में सुधार के लिए लघु सिंचाई नहरों, नालियों और सिंचाई चैनलों सहित सूक्ष्म और लघु सिंचाई बुनियादी ढांचे का निर्माण, रखरखाव और नवीकरण भी शामिल है।
पारंपरिक जल निकायों का नवीनीकरण: मनरेगा तालाबों, टैंकों और जलाशयों जैसे पारंपरिक जल निकायों की बहाली और नवीनीकरण की सुविधा प्रदान करता है, जो भूजल पुनर्भरण, पशुओं के पानी और कृषि के लिए सिंचाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
निष्कर्ष
भारत सरकार द्वारा MGNREGA योजना में ABPS की नई टेक्नोलॉजी को जोड़ा गया है। जिसका कई सारे NGO और कई सारे बड़े नामों ने विरोध किया है। जिसका मुख्य कारण यही बताया जा रहा है की वह सोचते है की गाँव में रह रहे लोगों को टेक्नोलॉजी का उतना ज्ञान नहीं होता जिससे वे इस योजना का सही से फायदा नहीं उठा पाएंगे। दूसरी तरफ भारत सरकार ने MGNREGA योजना के अंदर कुछ नये कामों को भी जोड़ा है जिसकी सारी जानकारी हमने आज आपको अपने ब्लॉग के माध्यम से प्रदान की है।